- नवी मुंबई में दिल दहला देने वाली वारदात: पति
ने पत्नी को जिंदा जलाया, मासूम बेटी बनी गवाह
नवी मुंबई (29 अगस्त 2025): महाराष्ट्र के नवी मुंबई से एक ऐसी सनसनीखेज
खबर सामने आई है जिसने हर किसी को हिलाकर रख दिया है। यहां एक शख्स ने
अपनी ही पत्नी को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। आरोप है कि पति ने पत्नी
को रस्सी से बांधकर पहले उस पर मिट्टी का तेल डाला और फिर आग लगा दी। इस
पूरे घटनाक्रम की चश्मदीद गवाह उनकी 7 साल की बेटी बनी, जिसने पुलिस को पूरे
सच से अवगत कराया।
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नवी मुंबई के तुर्भे इलाके में रहने वाले 35 वर्षीय राजकुमार साहू और उनकी पत्नी
जगरानी साहू के बीच लंबे समय से घरेलू कलह चल रही थी। जानकारी के अनुसार,
पति को शक था कि पत्नी किसी और से बात करती है। इसी शक ने इतना
खतरनाक रूप ले लिया कि उसने अपनी पत्नी की जान ले ली।
घटना वाली रात आरोपी ने पत्नी को कमरे में बंद कर दिया, हाथ-पैर बांध दिए और
मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। महिला की मौके पर ही मौत हो गई।
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पुलिस जांच के दौरान शुरू में आरोपी पति ने यह दावा किया कि पत्नी ने आत्महत्या
की है। लेकिन जब पुलिस ने 7 वर्षीय बेटी से पूछताछ की तो उसने सच्चाई उजागर
कर दी। बच्ची ने बताया कि पापा ने ही मां को बांधा और आग लगाई। इसके बाद
पुलिस ने आरोपी से सख्ती से पूछताछ की, जिसमें उसने जुर्म कबूल कर लिया।
--- पड़ोसियों और CCTV ने किया शक पुख्ता
घटना के समय मोहल्ले के लोगों ने भी कुछ असामान्य आवाजें सुनी थीं। साथ ही घर
के आस-पास लगे CCTV कैमरों में भी आरोपी की हरकतें रिकॉर्ड हो गईं। इन
सबूतों ने पुलिस की जांच को और मजबूत बना दिया।
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नवी मुंबई पुलिस ने आरोपी राजकुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया है। उसके
खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) (हत्या का अपराध) के तहत
मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया
गया है और आगे की जांच जारी है।
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यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी
है। घरेलू कलह और आपसी अविश्वास किस तरह एक खुशहाल परिवार को बर्बाद
कर सकता है, इसका यह बेहद दर्दनाक उदाहरण है। खासतौर पर मासूम बच्ची के
सामने हुई यह वारदात उसकी जिंदगी पर गहरा असर छोड़ सकती है।
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नवी मुंबई की यह वारदात हमें सोचने पर मजबूर करती है कि शक और गुस्सा इंसान
को किस हद तक ले जा सकता है। जब पति-पत्नी के बीच संवाद और विश्वास
खत्म हो जाता है, तो परिणाम कितना भयावह हो सकता है। यह मामला पुलिस के
लिए केवल एक कानूनी कार्रवाई नहीं, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा सबक है।
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